सोमवार, 6 दिसंबर 2010
कब सुरक्षित होंगी दिल्ली में महिलाएं
रोज की ही तरह आज भी में सुबह उठा और मेने अपने दोस्त से कहा, "आज का पेपर देना देखें तो आज दिल्ली में क्या कुछ खास हो रहा हे !" उसने पेपर मेरी तरफ बड़ा दिया ! मेने पेपर का पहला पन्ना पड़ा जिसमे पहली खबर थी "स्कूलों में मोबाइल पर तमाम सख्ती के बाद भी स्कूली बच्चे इसका इस्तेमाल खूब कर रहें हें " दूसरी बरी खबर फ्रांस के राष्ट्रपती और उनकी पत्नी की भारत यात्रा पर थी, और तीसरी खबर डीजल के मिलावट पर थी, इस तरह से कई खबरों से पहला पन्ना भरा था ! पहला पन्ना पलते ही तीन नंबर पेज पर नजर न चाहते हुए भी चली गई ! कियोंकि उस पेज पर अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में साउथ दिल्ली के "धोल्ला कुआँ" के पास एक कॉल सेंटर से आ रही लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के जाँच की खबर को पढ़ रहा था! अभी में इसे पूरा पढ़ ही रहा था की ठीक उसी के निचे एक और खबर देख कर में सोच में पर गया! की आखिर हमारी दिल्ली में ये हो क्या रहा हे? आखिर हमारा पुलिस प्रशासन कर क्या रहा हे ? कुछ लोग एक लड़की को कार में अगवा करके ले जातें हे और उसके साथ पूरी रात...... हम लोग आखिरकार किस दिशा में जा रहें हें ? हम लोगों की मानसिकता एक औरत के प्रति आखिर क्यों इतनी घिनोनी होती जा रही हे ? आज महिला पुरुषों के साथ - २ चलकर अगर आगे बढ़ना चाहती हें तो उसे ये अधिकार हे, आज हम लोग महिलों को ३३% आरक्षण की बात कह रहे हैं तो क्या हम लोग सही में उस बात को आज भी कुछ रुढ़िवादी लोग बड़े गर्व के साथ कहतें हे, उसी पुराणी कहावत को आजम देने में लगें हें की "औरत आज भी पुरुषों की जागीर हे " पर में दिल्ली के सभी लोगों से कहना चाहता हूँ की जागीरदारी तो स्वतंत्रता के बाद से ही ख़तम कर दी गई थी तो फिर हम लोग इसको क्यों नहीं स्वीकारतें, या यों कहिये की स्वीकारना ही नहीं चाहतें हें ! दिल्ली हमारे देश की राजधानी हे और हमारा देश अपनी संस्कृति और आपसी भाई चारे के लिए आज भी पुरे विश्व में प्रसिद्ध हे ! लेकिन क्या हमारी सरकार इन कुछेक लोगों, जो की पूरी तरह से मानसिक तौर पर बहुत बीमार हे! क्या इनका इलाज हमारी सरकार व दिल्ली पुलिस के पास कभी होगा भी ? क्या इन लड़कियों को इन्साफ मिल पायेगा ! और में अपने सभी दोस्तों और पाठकों से पूछना चाहता हूँ, की क्या मेरी, आपकी, और हम सबकी इस दिल्ली में महिलाये कभी आजादी से, बिना किसी भय के , अपनी इच्छा से कभी जी पायेगी !
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badu bhut kub sirji .....delhi poles or gorvant ka to ak hi kaam hai passa battorna
जवाब देंहटाएंi really likd yoz dis column..itz really oweshum....m happy dat 2day also few ppl r dere..who think bout womenz protection...really..m also a gal..wen i think about ma native state-Himachal...i really feel pity on delhi gvnt. security arrangement..ryt now m working in noida..bt i cnt step out frm ma PG after 6:00 pm.cz alwaz fear z dere.galz cnt take breath of relief..coz dey kw well..after step out in market or else..cheap nd cruel bustedz r lwaz dere 2 tk profit of deir mistake..nd mistake is only dat she come out..Whatta hell place nd ppl...waiting 4 secure tym will be foolishness..cz 2daz Men have taken anothr face of Gaint..thnx 4 dis column..i really likd it...
जवाब देंहटाएंigy v ekbyLVksu ds }kjk bl CykWx esa ftl rjg ls fnYyh dh efgykvksa ds lkFk gks jgs nq"deks± ds ckjs esa tks nq%[k o osnuk vkSj ykpkjh dks fy[kk gS eSa mlls iwjh rjg ls lger gwaA ysfdu oSls rks igy ds lHkh yksxksa dks 'kk;n ;g tkudkjh gksxh ij fQj Hkh eSa crkuk pkgwaxk fd u dsoy fnYyh esa ,sls gknls vDlj gksrs gSa cfYd iwjs Hkkjr esa gj pkSFkh efgyk dh dksbZ u dksbZ ,slh dgkuh gksrh gSA tks fd vius vki esa Hkkjr o"kZ ds fy, vkSj Hkkjr ds ukxfjdksa ds fy, cM+k gh fpark dk fo"k; gSA vkids }kjk fy[ks bl CykWx esa lgh esa fnYyh iqfyl vkSj iz'kklu dks ,d lh[k fy[kh gSA T;knk dqN ugha ;gh dgwaxk fd iqfyl vkSj iz'kklu ;fn tYnh ugha tkxs rks ;s Hkw[ks HksfM+, viuh Hkw[k feVkus ds fy, fdlh Hkh gn rd igwap ldrs gSaA vkids }kjk fy[kk CykWx ljkguh; gS vk'kk gS blh rjg ls vkxs Hkh vkids }kjk vk;ukuqek CykWx i<+us dks feyk djsaxsA /kU;okn vkidk iz'kald ch-ds- >k
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भाइयों
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